अश्वनी प्रतापसिंह<br />राजसमंद. गर्मी तेवर दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं, तापमान लगातार ३७ डिग्री के आसपास चल रहा है। हलक तर होने के बाद फिर पानी मांगता है। ऐसे में इंसान को तो सहज रूप से पानी मिल जाता है लेकिन जंगलों में रहने वाले वन्यजीव और जानवर पानी की एक-एक बूंद के लिए जद्दोजहद करते हैं। स्वछंद विचरण करने वाले यहां के पैंथर, सियार, भालू, जरख सहित हजारों वन्यजीव वनविभाग के भरोसे हैं। ऐसे में ग्रीष्मकाल में इन वन्यजीवों को पानी पिलाने के लिए विभाग ने करीब ८ लाख रुपए के प्रस्ताव भेजे थे, जिसमें सरकार ने महज 4 लाख रुपए आवंटित किए हैं, ऐसे में यह राशि 'ऊंट के मुंह में जीराÓ के समान है। अब विभाग के सामने वन्यजीवों के हलक तर करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
